अगर हमे अपने जीवन में कुछ करना है न तो सबसे पहले हमे बुरी आददे और बुरी सांगतो को छोड़ना होगा तभी हम success हो पायेगे|
दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है
आज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रहा हु जिसे पढ़ने के बाद
आज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रहा हु जिसे पढ़ने के बाद
आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए
बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है
बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है
हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था
वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था
एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा
अब रेस शुरू हुई |
हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे 2
सारे धावक आगे निकल रहे थे
मगर अब हरीश थक गया था
वह रुक गया
फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो
सारे धावक आगे निकल रहे थे
मगर अब हरीश थक गया था
वह रुक गया
फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो
कम से कम चल तो सकता हु
उसने ऐसा ही किया वह धीरे 2
चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था
अब वह बहुत ज्यादा थक गया था
और नीचे गिर पड़ा|
उसने ऐसा ही किया वह धीरे 2
चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था
अब वह बहुत ज्यादा थक गया था
और नीचे गिर पड़ा|
उसने खुद को बोला
की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा
वह जिद करके वापस उठा
लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया
माना कि वह रेस हार चुका था
लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले
race को कभी पूरा ही नही कर पाया था
वह जमीन पर पड़ा हुआ था
क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था
लेकिन आज वह बहुत खुश था
क्योंकि
आज वह हार कर भी जीता था
दोस्तों हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी life में
कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है
अगर आप एक student हो और रोज 10 hr की study करते हो
और किसी दिन कोई परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नही करते मगर आपको
भले ही 5 hr मिले पढ़ना जरूर चाहिए
हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम
लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत
जाएंगे|
वह जमीन पर पड़ा हुआ था
क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था
लेकिन आज वह बहुत खुश था
क्योंकि
आज वह हार कर भी जीता था
दोस्तों हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी life में
कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है
अगर आप एक student हो और रोज 10 hr की study करते हो
और किसी दिन कोई परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नही करते मगर आपको
भले ही 5 hr मिले पढ़ना जरूर चाहिए
हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम
लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत
जाएंगे|
छोटे छोटे कदम बढ़ाते जाओ और आगे बढ़ते जाओ
यही सफलता का नियम है
अगर आपको भी ये motivational story अच्छी लगी हो तो
अगर आपको भी ये motivational story अच्छी लगी हो तो
comment के माध्यम से हमे जरूर बताएं
अगर आप और भी motivational story को पढ़ना चाहते हो तो
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आप बिलकुल सही जगह हो यहां पर आपको
काफी सारी motivational stories का संग्रह मिलेगा
जो आपको जीवन मेआगे बढ़ने की प्रेरणा देगा|
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जो आपको जीवन मेआगे बढ़ने की प्रेरणा देगा|
काफी समय पहले की बात है प्रतापगढ़ नाम का एक राज्य था वहाँ का राजा बहुत अच्छा था
मगर राजा को एक सुख नही था
वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी
और वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले
ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके
और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी
की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये
ऐसा ही हुआ
राजा ने सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए
और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा
महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था जिसके गमले में वह बीज अभी तक नही फूटा था
लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे को पानी देता था
देखते ही देखते 3 महीने बीत गए
बच्चा परेशान हो गया|
मगर राजा को एक सुख नही था
वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी
और वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले
ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके
और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी
की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये
ऐसा ही हुआ
राजा ने सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए
और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा
महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था जिसके गमले में वह बीज अभी तक नही फूटा था
लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे को पानी देता था
देखते ही देखते 3 महीने बीत गए
बच्चा परेशान हो गया|
तभी उसकी माँ ने कहा कि बेटा धैर्य रखो कुछ बीजो को फलने में ज्यादा वक्त लगता है
और वह पौधे को सींचता रहा
6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था
लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चो के गमलो में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा
लेकिन वह बच्चा ईमानदार था
और सारे बच्चे राजमहल में आ चुके थे
कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे
क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थी
अब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे
मगर एक बच्चा सहमा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था
तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी
उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है
तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है
राजा उसकी ईमानदारी से खुश था कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया
सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया
और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया
सभी बच्चे जोर से हसने लगे
राजा ने कहा शांत हो जाइये|
और वह पौधे को सींचता रहा
6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था
लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चो के गमलो में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा
लेकिन वह बच्चा ईमानदार था
और सारे बच्चे राजमहल में आ चुके थे
कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे
क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थी
अब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे
मगर एक बच्चा सहमा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था
तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी
उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है
तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है
राजा उसकी ईमानदारी से खुश था कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया
सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया
और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया
सभी बच्चे जोर से हसने लगे
राजा ने कहा शांत हो जाइये|
इतने खुश मत होइए
आप सभी के पास जो पौधे है वो सब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नही निकलेगा
लेकिन असली बीज यही था
राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ
और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया
लेकिन हमें इस कहानी से क्या सीखने को मिला
मेरे हिसाब से
अपने अंदर ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है|
आप सभी के पास जो पौधे है वो सब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नही निकलेगा
लेकिन असली बीज यही था
राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ
और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया
लेकिन हमें इस कहानी से क्या सीखने को मिला
मेरे हिसाब से
अपने अंदर ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है|
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