Fundamental (Basic Knowledge)




What IS Computer Fullform (कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या होता है)

C- Calculate- Calculate का मतलब होता है की गाड़ना करना |

O- Operate- operate का मतलब होता है की किसी भी चीज को ऑपरेट करने वाला या चलाने वाला|

M-Memory- कंप्यूटर की जो मेमोरी होती है वो अपना डाटा हमेशा स्टोर करके रखती है और इन्सान की मेमोरी कुछ यद् की हुई बात कुछ  समय बाद भूल जाती है तो ये होती है मेंमोरी|

P-Print - प्रिंट का मतलब होता है की किसी भी चीज को छापन| जिसे प्रिंटर कहते है|

U-Unit- यूनिट का मतलब होता है की इकाई |

T-Time- कंप्यूटर हम अगर हम कोई बड़ा Calculation करते है तो वो हमारा रिजल्ट बहुत ही जल्दी show कर देता है जिससे की हमारे time की बचत होती है|

E-Education- एजुकेशन का मतलब होता है शिक्षा जैसे की आज के समय में शिक्षा के साथ साथ कंप्यूटर का भी बहुत महत्व है इसीलिए हमे कंप्यूटर का ज्ञान होना बहुत जरुरी है|

R- Research- रिसर्च का मतलब होता है की खोज बीन करना किसी भी चीज जो|

कंप्यूटर Fundamental

Computer english के Comput word से बना हुआ है इसको संगडक भी कहा जाता है ये ज्यदातर Docuement Creat,Email,Lisning,Audio Or Video Program And Database Creative के लिए हुआ |

कंप्यूटर पर वो कार्य करता है वह यूजर कहलाता है| और उसमे दिए गये निर्देश पर ही वह work करता है क्युकी यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है|

(Advantage Of Computer)


1.Speed-Computer- में हम मनुष्य के अपेछा very fast work को पूरा कर सकता है|
अगर किसी को भी 10 अलग अलाग्फ़ नंबर का Calculation करने के लिए दिया जाये तो वो काफी समय लगा देंगे मग्फर कंप्यूटर में ऐसा नहीं वो आपका रिजल्ट कुछ सेकंड में दे देगा जिससे की हमारा तोमे की बचत होगी|

2.ऑटोमेशन-हम अपने जीवन बहुत सि चलती हुई मचीनो को देखा होगा मगर कंप्यूटर ही एक ऐसी मशीन है जो एक यूजर के दिए गये निर्देश पर work करता है|
3.Accurasy- कंप्यूटर बहुत तेज होने के अलावा बहुत सटीक है यदि Input सही हो तो Computer 100%  result देता है।
4.High Storage-कंप्यूटर पीर हम अनलिमिटेड शब्द,फाइल,एप्लीकेशन और प्रोग्राम को कई सालो तक स्टोर करके रख सकते है तथा अपनी आवस्यकता अनुसर प्रयोग में ला सकते है|

5.Deligence-आज के समय में अगर एक व्यक्ति को किसी work को करने के लिए कुछ दिन तथा कुछ घंटे का समय लगता है तो वह थकावट महसूस करने लगता है लेकिन यह कई मोंठ कार्य करने की कैपेसिटी रखता है|

6.Power Of Remember- अगर एक ब्यक्ति को अपनी पूरी जिन्धी में कई लम्बे मेसेज कुछ समय तक ही याद रख सकता है but कंप्यूटर में ऐसा नहीं नहीं ये कई सालो तक अपने अंदर स्टोर डाटा को स्टोर रख सकता है और यह यूजर के निर्देश के अनुसार ही work करता है|

7.History Of Computer- कंप्यूटर की खोज Aryabhatt ने की है और इसको आए progress में लेकर 0.1 बिनरी नंबर system का कंप्यूटर पर प्रयोग किया गया Approx minimume 300 ई.सा पूर्व Abacus डिवाइस का कैलकुलेशन के लिए चाइना ने बनाया था|

पहली पीढ़ी की अवधि 1937-1953 तक मानी जाती है। दो महान साइंटिस्ट द्वारा दुनिया का पहला और सबसे बड़ा ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) कंप्यूटर का निर्माण किया गया था। यह एक Fully Electronic Digital Computer था। Generation of Computer की शुरुआत यहीं से हुई थी।

लेकिन इस पीढ़ी के कम्पूटरो में मेमोरी के लिए Vacuum tube का इस्तमाल किया जाता था।
Vacuum Tube के कारण यह कंप्यूटर आकर में बड़े, सिमित मेमोरी वाले और अधिक बिजली का खर्च करते थे। इन कम्पूटरो में बड़ी मात्रा में गर्मी उत्पन्न होती थी।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ

  • Vacuum tube द्वारा निर्मित
  • मशीनी भाषा का प्रयोग
  • अधिक महंगा
  • आकार में बहुत बड़ा
  • अधिक वजिनी और धीमी गति
  • AC की आवश्यकता
  • अधिक मात्रा में बिजली का उपयोग
  • इनपुट और आउटपुट के लिए पंच कार्ड और चुम्बकीये टेप का प्रयोग

पहली पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • ENIAC
  • EDVAC
  • EDSAC
  • UNIVAC
  • MARK-1

Second Generation of Computer – कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी

दूसरी पीढ़ी की अवधि 1954-1962  तक मानी जाती है। इस पीढ़ी में Vacuum tube को रिप्लेस करके transistor का प्रयोग किया गया। Transistor का विकास Willom Shockly ने 1947 में किया था।

इस पीढ़ी के कम्पूटरो में चुम्बकीये कोर का उपयोग प्राइमरी मेमोरी और चुम्बकीये टेप और चुम्बकीये डिस्क का उपयोग सेकेंडरी मेमोरी के लिए किया गया था।

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में दो प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था। पहला Batch processing और दूसरा Multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ

  • Transistor द्वारा निर्मित
  • पहली पीढ़ी की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय थे
  • इसमें Assembly और High level language जैसे Fortran , Cobol का उपयोग किया जाता था
  • पहली पीढ़ी की तुलना में आकार में छोटा
  • इनमें कम गर्मी उत्पन्न होती थी
  • पहली पीढ़ी की तुलना में कम बिजली खर्च होती थी
  • पहले के कम्प्यूटरो से तेज
  • AC की आवश्यकता

दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • IBM 1620
  • IBM 7094
  • CDC 1604
  • CDC 3600
  • UNIVAC 1108

Third Generation of Computer – कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी

तीसरी पीढ़ी की अवधि 1963-1972 तक मानी जाती थी। इस पीढ़ी में Transistor को रिप्लेस करके IC यानि Integrated Circuit का इस्तमाल किया गया था। इसमें transistor को छोटा करके Silicon chip पर रखा गया

जिसके कारण कंप्यूटर की गति और दक्षता में काफी वृद्धि हुई। Integrated Circuit का अविष्कार Jack Kilby ने किया था। इस पीढ़ी के कम्पूटरो में रिमोट प्रोसेसिंग, टाइम शेयरिंग और मल्टीप्रोग्रम्मिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ

  • Integrated Circuit का उपयोग
  • पहली और दूसरी पीढ़ी की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय
  • आकार में छोटा और तेज लेकिन रखरखाव में अभी भी कठिन
  • अन्य पीढ़ी की तुलना में कम ऊर्चा की खपत
  • AC की आवश्यकता
  • Mouse और Keyboard का उपयोग
  • High level language जैसे-FORTRAN-I to IV, COBOL, PASCAL, BASIC, ALGOL का उपयोग

तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • IBM-360 Series
  • Honeywell – 6000 series
  • PDP (Personal Data Processor)
  • IBM-370/168
  • TDC-316

Fourth Generation of Computer – कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी

चौथी पीढ़ी की अवधि 1972-1984 तक मानी गई है। इस पीढ़ी के कम्पूटरो में VLSI (Very Large Scale Integrated) circuit का उपयोग किया गया। इस VLSI circuit के एक Silicon chip पर लगभग 5000 transistor और अन्य circuit तत्व होते है। जिसे Micro Processor कहा जाता है।

पहला Micro Processor 1971 में Intel द्वारा पहली बार पेश किया गया था। जिसका अविष्कार उनके employee ने किया था। उन्होंने इसे Intel 4004 का नाम दिया था।

जबकि 1981 में IBM ने Micro Computer का विकास किया, जिसे Personal Computer (PC) कहा जाता है, और एप्पल ने 1989 में Macintosh (Personal Computer) पेश किया था।

यह कंप्यूटर जीवन के हर क्षेत्र में बहुत तेजी से उपयोग किये जाने लगे थे।
क्योंकि यह अन्य पीढ़ी के कम्पूटरो की तुलना में सस्ते, तेज और ज्यादा विश्वसनीय थे।

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटरो में  internet, GUI (Graphical User Interface) और operating system (जैसे-MS Dos, MS Window और Apple OS) का विकास हुआ था।

fourth generation of computer

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ

  • Very Large Scale Integrated Circuit का उपयोग
  • कम खर्च और अधिक तेज
  • आकार में छोटे और कम वाजनीये
  • विधुत का बहुत कम प्रयोग
  • AC की जरुरत नहीं
  • रखरखाव सरल
  • Operate करना एवं चलना सरल
  • High level language जैसे– C, C++, DBASE का उपयोग

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • Dec 10
  • Star 1000
  • PDP 11
  • CRAY-1
  • CRAY-X-MP (Super Computer)
  • PCs

Fifth Generation of computer – कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी

पांचवी पीढ़ी की अवधि 1984-1990 तक मानी गई है। इस पीढ़ी में वर्तमान के कम्प्यूटरो को और भविष्य में आने वाले कम्प्यूटरो को शामिल किया गया है।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली, तेज, उच्च तकनीक और ज्यादा मेमोरी वाले कंप्यूटर है।

इसमें ULSI (Ultra Large Scale Integrated) सर्किट का इस्तमाल किया गया, इस ULSI Microprocessor में लगभग एक करोड़ components आ सकते है।
यह पीढ़ी मुख्य रूप से समानांतर प्रसंस्करण (Parallel processing) Hardware कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) software से सम्बंधित है।

पांचवी पीढ़ी का लक्ष्य ऐसे उपकरणों को विकसित करना है। जो सामान्य भाषा में उपयोग किए जाने वाले लोगो को जवाब दे सकते है। इससे कम्प्यूटर इंसानों की तरह काम करते है। वे C , C++ , और Java जैसी High level language का उपयोग करते है।

fifth generation of computer

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ

  • ULSI टेक्नोलॉजी का उपयोग
  • Artificial Intelligence का विकास
  • Portable PC और Desktop PC का प्रयोग
  • Internet, E-mail और WWW (World Wide Web) का विकास हुआ
  • उपभोक्ता – अनुकूल (User friendly) interface और का विकास हुआ
  • मल्टीमीडिया फीचर्स जैसे-ध्वनि , ग्राफिक्स, चित्र और टेक्स्ट आदि का निर्माण हुआ
  • C, C++, Java, .net और ASP जैसी हाई लेवल भाषा का प्रयोग
  • अधिक तेज, विश्वसनीय और सस्ते

पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटरो के नाम

  • Desktop
  • Laptop
  • Notebook
  • Ultra book
  • Chrome book
Classification Of Computer-
वह कंप्यूटर जिसके द्वारा भौतिक मात्राओं को मापा जाता है जैसे तापमान, दाब, गति, लंबाई तथा चौड़ाई एनालॉग कंप्यूटर कहलाता है।

 1.एनालॉग कंप्यूटर का इस्तेमाल मुख्य रूप से विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किया जाता है घर तथा ऑफिस के कार्यो के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता।

2.Digital Computer-
जो कम्प्यूटर इन 0 और 1 नंबर्स पर काम करते है, उन कम्प्यूटर को Digital Computer कहा जाता है। ... पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर 1940 के दशक के अंत में डेवलप्ड किया गया था और इसका उपयोग मुख्य रूप से numerical computations के लिए किया गया था।
3. Hybrid Computer-
ऐसे कंप्यूटर जो एनालॉग तथा डिजिटल दोनों तरह के कंप्यूटर का कार्य करने में सक्षम होते हैं हाइब्रिड कंप्यूटर कहलाते हैं। मतलब कि हाइब्रिड कंप्यूटर दोनों प्रकार के कंप्यूटर का मिश्रण होते हैं। कुछ ऐसी समस्याएं थी जिनको एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर हल करने में सक्षम नहीं थे इस कारण हाइब्रिड कंप्यूटर का निर्माण किया गया।

Classification Of Computer-

1.Micro Computer-
माइक्रो-कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जिसमें माइक्रो-प्रोसेसर इसके सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के रूप में होता है। मेनफ्रेम और मिनी कंप्यूटरों की तुलना में इनका आकार छोटा होता है। ... संक्षिप्त नाम "माइक्रो " 1970 और 1980 के दशक के दौरान आम था, लेकिन अब आम तौर पर इसका उपयोग नहीं होता है।
Example- As A Desktop

2.Mini Computer
Minicomputer वे कंप्यूटर होते है जो आकार मे छोटे होते है और इनकी भंडारण समता अधिक होती है. ... दुनिया का सबसे पहला मिनी कंप्यूटर यानि name of first mini computer जो कि उपयोग मे लाया गया. वह सन् 1960 के लगभग IBM Company के द्वारा बनाया गया.

3.Main Frame-
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe computers) उन कम्प्यूटरों को कहते हैं जिनका उपयोग बड़े-बड़े संस्थान भारी-मात्रा मीं आंकड़ा संस्करण के लिए करते हैं। इनका आकार भी बड़ा होता है और लगभग सभी दृष्टियों से इनकी क्षमता अन्य कम्प्यूटरों (मिनी, सर्वर, वर्कस्टेशन और पीसी) की अपेक्षा बहुत अधिक होती है।

4. Super Computer-
सुपरकंप्यूटर को जटिल गणितीय कार्यों की तेज गणना के लिए जाना जाता है; यह एक सेकंड में अरबों फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशन को अंजाम देता है। मेनफ्रेम कंप्यूटर एक सर्वर के रूप में कार्य करते हैं; यह एक बड़े डेटाबेस, कई उपयोगकर्ता और मल्टीग्राउमिंग का समर्थन करता है, यह मूल रूप से बड़े व्यापार लेनदेन के लिए है।

5.Input Device-
इनपुट डिवाइस (Input Devices) कुछ ऐसे डिवाइस होती है। जो किसी व्यक्ति (यूज़र) के द्वारा दिए गए निर्देशों को कम्प्यूटर तक पहुंचाने का कार्य करते है। इन डिवाइसेस के माध्यम से उपयोगकर्ता अपने किसी कार्य को करवाने के लिए कंप्यूटर को निर्देश देता है।
Example- Keyboard,Mouse,Etc

6.Output Device-
Output Device की परिभाषा (Definition of Output Device in Hindi) Computer का वह Device जिसके द्वारा Computer से परिणाम (Result) की प्राप्ति होती है। ऐसे Device को Computer का Output Device कहते हैं। अर्थात Computer जिस Device के द्वारा परिणाम दिखाता है।
Example- Monite, Printer Etc.

Memory Unit-
कंप्यूटर पास सवयम की कोई मेमोरी नहीं होती उसके पास केवल dyamp ब्लाक होता है जिसमे यूजर के द्वारा दिए गये इंस्ट्रक्शन पर work करता है|

1.Primary Memory-

Primary Memory कंप्यूटर की Main Memory होती है, जो आमतौर पर उस प्रकार के Data अथवा Program को Store करती है, जिसे वर्तमान समय में Processing Unit (CPU) द्वारा प्रोसेस किया जा रहा होता है। Primary Memory मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है जिसमें RAM, ROM और Cache Memory शामिल है। इनकी स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है लेकिन ये सेकेंडरी स्टोरेज (HDD और SDD) की तुलना में डेटा तक बहुत तेजी से पहुंच प्रदान करती है।

ये Volatile और Non-volatile दोनों तरह की होती है। जहां वोलेटाइल का मतलब उन मेमोरी डिवाइस से है जो सिर्फ कंप्यूटर के चालू रहने तक डेटा को स्टोर करती है, जबकि नॉन-वोलेटाइल वो होती है जो लंबे समय तक डेटा को स्टोर कर सकती है। चूंकि यह Main Circuit Board में CPU के बहुत करीब स्थित होती है इसलिये Primary Memory में मौजूद Data को CPU बहुत तेजी से Read करता है।