कंप्यूटर का परिचय (Presentation of PC)



कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "COMPUT" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "गणना", करना होता है इसीलिए इसे गणक या संगणक भी कहा जाता है, इसका अविष्‍कार Computation करने के लिये हुआ था, पुराने समय में PC का use केवल Computation करने के लिये किया जाता था किन्‍तु आजकल इसका use डाक्‍यूमेन्‍ट बनाने, Email, tuning in and seeing sound and video, mess around, data set arrangement के साथ-साथ और कई कामों में किया जा रहा है, जैसे बैकों में, शैक्षणिक संस्‍थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों में, PC का उपयोग बहुतायत रूप से किया जा रहा है

 

कंप्‍यूटर को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिये सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की आवश्‍यकता होती है। अगर सीधी भाषा में कहा जाये तो यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। बिना हार्डवेयर सॉफ्टवेयर बेकार है और बिना सॉफ्टवेयर हार्डवेयर बेकार है। मतलब कंप्‍यूटर सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर कमांड दी जाती है किसी हार्डवेयर को कैसे कार्य करना है उसकी जानकारी सॉफ्टवेयर के अन्दर पहले से ही डाली गयी होती है। कंप्यूटर के सीपीयू से कई प्रकार के हार्डवेयर जुडे रहते हैं, इन सब के बीच तालमेल बनाकर कंप्यूटर को ठीक प्रकार से चलाने का काम करता है सिस्टम सॉफ्टवेयर यानि ऑपरेटिंग सिस्टम।

कम्प्यूटर का जनक कौन है

कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है, चार्ल्स बैबेज जन्म लंदन में हुआ था वहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है तो अंग्रेजी से ही कोई शब्द क्यों नहीं लिया गया इसकी वजह यह है कि जो अंग्रेजी भाषा है उसके तकनीकी शब्द खासतौर पर प्राचीन ग्रीक भाषा और लैटिन भाषा पर आधारित है इसलिए कंप्यूटर शब्द के लिए यानी एक ऐसी मशीन के लिए जो गणना करती है उसके लिए लैटिन भाषा के शब्द कंप्यूट (Comput) को लिया गया

 

 

कंप्यूटर की पहली विशेषता गति (Speed) -

जहां एक आपको एक छोटी सी Computation करने में समय लगता है वहीं PC बडी से बडी Estimation सेेकेण्‍ड से भी कम समय में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्‍यूटर की गति को हर्ट्ज में मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स , प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स, प्रति नेनोसेकंड्स ईत्यादी में आंकी जाती है

कंप्यूटर की दूसरी विशेषता सटीकता (Precision) -

त्रुटि रहित कार्य करना यानि पूरी सटीकता (Exactness) के साथ किसी भ्‍ाी काम का पूरा करना कंप्यूटर की दूसरी विशेषता है, कंप्‍यूटर द्वारा कभी कोई गलती नहीं की जाती है, कंप्‍यूटर हमेशा सही परिणाम देता है, क्योंकि कंप्यूटर तो हमारे द्वारा बनाये गए प्रोग्राम द्वारा निर्दिष्ट निर्देश का पालन करके ही किसी कार्य को अंजाम देता है , कंप्यूटर द्वारा दिया गया परिणाम गलत दिया जा रहा है तो उसके प्रोग्राम में कोई गलती हो सकती है जो मानव द्वारा तैयार किये जाते हैं

कंप्यूटर की तीसरी विशेषता स्वचलित (Computerization) -

कंप्‍यूटर को एक बाद निर्देश देने पर जब तक कि कार्य पूरा नहीं हो जाता है वह स्वचलित (Robotization) रूप से बिना रूके कार्य करता रहता है उदाहरण के लिये जब PC से Printer को 100 पेज प्रिंट करने की कंमाड दें तो पूरे 100 पेज प्रिंट करने बाद ही रूकेगा, इन सभ्‍ाी कार्यो को करने के लिये कंप्‍यूटर को निर्देश मिलते हैं वह उन्‍हीं के आधार पर उनको पूरा करता है यह निर्देश कंप्‍यूटर को प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर के द्वारा मिलते हैं हर काम काे करने के लिये अगल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर होता है

 

कंप्यूटर की चौथी विशेषता स्थायी भंडारण क्षमता (extremely durable Capacity) :

कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्राॅनिक तरीके से संग्रहित की जाती है, अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना कम रहती है।

कंप्यूटर की पांंचवीं विशेषता विशाल भंडारण क्षमता (Enormous Capacity Limit) :

कम्प्यूटर के बाह्य (outer) तथा आंतरिक (inward) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप,सीडी राॅम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है । कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।

कंप्यूटर की पांंचवीं विशेषता विशाल भंडारण क्षमता (Enormous Capacity Limit) :

कम्प्यूटर के बाह्य (outer) तथा आंतरिक (interior) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप,सीडी राॅम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है । कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।

कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi)

1-इनपुट यूनिट (Info unit)

इनपुट यूनिट (Input unit) कंप्यूटर के वह भाग हार्डवेयर होते हैं जिनके माध्‍यम से कंप्‍यूटर में कोई डाटा एंटर किया जा सकता है इनपुट के लिये अाप की-बोर्ड, माउस इत्‍यादि इनपुट डिवाइस का प्रयोग करते हैं साथ ही कंप्‍यूटर को सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से कंमाड या निर्देश देते हैं यह I/o gadgets कहलाती है

2-सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Focal handling unit)

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Focal handling unit) इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है इसके लिये सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट और अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट दोनों मिलकर अंकगणितीय गणना (Number-crunching Computation) और तार्किक गणना करते हैैं और डाटा को प्रोसेस करते हैं computer chip को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है

3-मेमोरी (Memory)

मेमोरी कंप्यूटर का वह भाग है यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को संगृहीत करती है, यह प्राथमिक और द्वितीय दो प्रकार की हाेती है उदाहरण के लिये रैम और हार्ड डिस्‍क

4-आउटपुट यूनिट (Result unit)

आपके द्वारा दी गयी कंमाड के अाधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्‍यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस या आउटपुट यूनिट द्वारा प्राप्‍त हो जाता है आउट डिवाइस का सबसे बेहतर उदाहरण आपका कंप्‍यूटर मॉनिटर है यह I/o gadgets कहलाती है

कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना (PC equipment structure)

कम्प्यूटर के निम्‍न महत्वपूर्ण भाग होते है:-

 

•    मोनीटर या एल.सी.डी.

•    की-बोर्ड

•    माऊस

•    सी.पी.यू.

•    यू.पी.एस

 

मोनीटर या एल सी डी :- इसका प्रोयोग कम्प्यूटर के सभी प्रेाग्राम्स का डिस्‍प्ले दिखाता है। यह एक आउटपुट डिवाइस है।

 

की-बोर्ड :- इसका प्रयोग कम्प्यूटर मे टाइपिंग लिए किया जाता है, यह एक इनपुट डिवाइस है हम केवल की-बोर्ड के माध्यम से भी कम्‍प्‍यूटर को आपरेट कर सकते है।

 

माऊस :- माऊस कम्प्यूटर के प्रयोग को सरल बनाता है यह एक तरीके से रिमोट डिवाइस होती है और साथ ही इनपुट डिवाइस होती है।

 

सी. पी. यू.(सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट):- यह कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण भाग होता है हमारा सारा डाटा सेव रहता है कम्प्यूटर के सभी भाग सी. पी. यू. से जुडे रहते है। सीपीयू के अन्‍दरूनी भागों के बारे में जानें क्लिक करें।

 

यू.पी.एस.(अनिट्रप पावर सप्लार्इ):- यह हार्डवेअर या मशीन कम्प्यूटर बिजली जाने पर सीधे बन्द होने से रोकती है जिससे हमारा सारा डाटा सुरक्षित रहता है।

यह सारे हार्डवेयर दो भागों में बॅटे रहता है

*                      आउटपुट डिवाइस

*                      इनपुट डिवाइस

आउटपुट डिवाइस:-

 आपके द्वारा दी गयी कंमाड के अाधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्‍यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस या आउटपुट यूनिट द्वारा प्राप्‍त हो जाता है आउट डिवाइस हार्डवेयर होता है आउटपुट डिवाइस सबसे बेहतर उदाहरण आपका कंप्‍यूटर मॉनिटर है यह I/o gadgets कहलाती है -

आउटपुट डिवाइस (Yield Gadget)

 

v     मोनीटर

v     स्पीकर

v     प्रिन्टर

v     प्रोजेक्टर

v     हेडफोन

v     प्रिंटर  -

प्रिंटर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Yield Gadget) है जो सॉफ्ट कॉपी (Delicate Duplicate) को हार्ड कॉपी (Printed copy) में परिवर्तित (Convert) करता हैं