एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या होता है?
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्राम होते है जिन्हें एक विशेष उद्देश्य की पूर्ति हेतु उपयोगकर्ताओं की आवश्यकता के हिसाब से बनाया जाता है। उदाहरण के तौर पर टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को तैयार करने के लिए वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम का इस्तेमाल होता है, दूसरी तरफ डेटाबेस मैनेजमेंट के लिए डेटाबेस प्रोग्राम का इस्तेमाल होता है, वही वीडियो और ऑडियो को प्ले करने के लिए मीडिया प्लेयर का इस्तेमाल होता है।
इस प्रकार विभिन्न प्रकार के कामों को पूरा करने के लिए अलग-अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर प्रोग्राम तैयार किए जाते हैं जिन्हें application software कहा जाता है। हमारे कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हैं जिनका अलग-अलग कार्य होता है।
माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, टैली, वीएलसी मीडिया, एडोब प्रीमियर, वंडरशेयर फिल्मोरा, कोरल ड्रॉ, एडोब फोटोशॉप यह सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के एग्जांपल है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में ही नहीं होते है बल्कि हमारे स्मार्टफोन में भी उपलब्ध होते हैं।
C- CALCULATION
O-OPERATE
M-MEMORY
P-PRINT
U-UNNIT
T-TECHNOLOGY
E-EDUCATION
R-REASEARCH
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं?
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कंप्यूटर, डेस्कटॉप में भी उपलब्ध होता है और यह हमारे स्मार्टफोन में भी उपलब्ध होता है। अगर आपको यह जानना है कि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कितने टाइप का होता है, तो नीचे आपके सामने हमने एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कितने प्रकार है प्रस्तुत किए हैं।
#1. वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर
इस प्रकार के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में आप टेक्स्ट के तौर पर कुछ भी टाइपिंग कर सकते हैं, किसी भी डॉक्यूमेंट को एडिट कर सकते हैं अथवा किसी भी डॉक्यूमेंट को फॉर्मेट कर सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एप्पल वर्क यह सभी वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर के एग्जांपल हैं।
#2. स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर
इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल यूजर आर्थिक डाटा को रिकॉर्ड करने के लिए, डाटा की कैलकुलेशन करने के लिए और डाटा की तुलना करने के लिए करता है। स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर के एग्जांपल के तौर पर एम एस एक्सेल, लिब्रे ऑफिस, आई वर्क नंबर इत्यादि शामिल हैं।
#3. डेटाबेस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर
अगर आपको डाटा को मैनेज करना है या फिर उसे स्टोर करना है अथवा उसे मेनू प्लेट करना है तो आपको डाटा बेस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इसके लिए आपको माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस, फाइल मेकर जैसे सॉफ्टवेयर का यूज करना पड़ेगा।
#4. प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर
इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को प्रेजेंटेशन तैयार करनी होती है। प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आप ऑडियो, फोटो और टेक्स्ट के जरिए एक ग्राफिकल प्रेजेंटेशन तैयार कर सकते हैं और इसके जरिए आप अच्छा सा स्लाइड शो भी बना सकते हैं।
सामान्य तौर पर प्रजेंटेशन तब बनाया जाता है जब हमें अपने विचार को या फिर अपने प्रोजेक्ट को किसी कंपनी या फिर किसी दूसरे व्यक्ति के सामने प्रस्तुत करना होता है। प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर क्रिएट करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट पावरप्वाइंट, स्लाइड डॉग जैसे सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल में लिया जाता है।
5. अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर
इसकी सीधी सी बात है कि ऐसे सॉफ्टवेयर जिसमें आप एकाउंटिंग या फिर फाइनेंस से संबंधित कामों को करते हैं, उन्हें अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर कहा जाता है। टेली, व्यापार, जीरो अकाउंटिंग यह सभी अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर के एग्जांपल हैं।
अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कंपनी में किया जाता है, जिसमें काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से संबंधित जानकारियों को दर्ज किया जाता है। इसके अलावा कंपनी के कुछ रोजाना के कामों की भी जानकारी इसमें दर्ज की जाती है।
6. डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर
इसे शार्ट में डीटीपी कहा जाता है जिसमें या तो न्यूज़ लेटर तैयार किया जाता है या फिर उपयोग पत्र और ब्रोशर जैसे डॉक्यूमेंट इसमें बनाए जाते हैं। एडोब पेजमेकर, एडोब इंडिजाइन, माइक्रोसॉफ्ट पब्लिशर यह सभी डेस्कटॉप पब्लिशिंग सॉफ्टवेयर के एग्जांपल है।
#7. ग्राफिक डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर
आपने 2D, 3D चित्र के बारे में सुना ही होगा। इनका निर्माण करने के लिए जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है उसे ग्राफिक डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर कहा जाता है। एडोब इलस्ट्रेटर, एडोब फोटोशॉप, कोरल ड्रॉ, ऑटो कैड यह सभी ग्राफिक डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर के एग्जांपल है।
#8. मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर
इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके हम ऑडियो के साथ साथ वीडियो को भी चला सकते हैं या फिर वीडियो और ऑडियो को रिकॉर्ड कर सकते हैं। मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर अधिकतर स्मार्टफोन, कंप्यूटर लैपटॉप में उपलब्ध होता ही है। विंडोज मीडिया प्लेयर, वीएलसी मीडिया प्लेयर, Winamp, Media Monkey, iTunes यह सभी मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर के एग्जांपल हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्य
आपने ऊपर ही इस बात को जान लिया है कि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को इसीलिए बनाया जाता है ताकि यह किसी स्पेशल काम को कर सके परंतु इसके काम सीमित नहीं होते हैं। इसलिए अलग-अलग तरह के कामों को करने के लिए डिफरेंट टाइप के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को तैयार किया जाता है।
बता दे कि जिस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को जिस काम के लिए बनाया जाता है, वह सिर्फ वही काम कर सकता है। उदाहरण के तौर पर एमएस वर्ड पर आप सिर्फ टेक्स्ट, टाइपिंग, एडिटिंग और फॉर्मेटिंग जैसे काम कर सकते हैं। वही टैली जैसे अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पर आप सिर्फ अकाउंट से संबंधित काम को कर सकते हैं।


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