करके आप भी हमारी तरह कंसिस्टेंट रह पाए तो फर्स्ट यू हैव टू प्रिपेयर योर माइंड एंड बॉडी फॉर कंसिस्टेंसी 200 सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि हममें से अधिकतर लोग अपने माइंड एंड बॉडी को कंट्रोल करने से पहले सीधा अपने एक्शन और बीयर को बदलने का ट्राई करने लग जाते हैं जिससे हम कंसिस्टेंट है ना मैं फेल हो जाते हैं क्योंकि
अपने माइंड कंसिस्टेंसी कैसे इस्तेमाल करे
आपका माइंड एक लंबे समय के रेजिस्टेंस और पेन के लिए तैयार नहीं होता आपके अपने इमोशंस और खुद पर कंट्रोल नहीं होता है इसीलिए फिर आपके माइंड पर आपका मन हो जाता है और आपका माइंड हार मान लेता है और इसे ठीक करने के लिए आपको अपने आपको टाइम टू टाइम बस इन तीन दोस्त को याद दिलाना होगा जिससे हम खुद पर्सनली फॉलो करते हैं आप चाहें तो अपने रूम की दीवार पर अपने फोन के वॉलपेपर पर या कहीं भी जिससे आपको रोज याद आते रहे हैं अपने दिल की कम और अपने दिमाग की क्योंकि आपका मन नहीं होता है जो बोलता है छोड़ ना यार बाद में कर लियो लेकिन इसी वक्त आपके बैक ऑफ द माइंड आपके दिमाग से छोटी सी आवाज आ रही होती है कर ले भाई तेरे लिए जरूरी है आगे चलकर फायदे में रहेगा तो आप इग्नोर कर देते हो जबकि करने के लिए आपको अपनी लाइफ में नहीं आना चाहते हैं जब उस चीज क्या है तो आप अपने दिमाग है आपका दिल क्या करना चाहता है उसे भूल जाओ और आपका दिमाग क्या करो इस बात को एक बहुत ही बहुत ही फायदेमंद होती है बड़ा अच्छा लगता है
1. Point
और यही ज्यादातर लोग को एक कर देते हैं लेकिन अगर आप पहले ही यह बात दिमाग में बिठा लेते हो कि एक ही काम को रोज रोज करना कोई इंटरेस्टिंग या मजेदार चीज नहीं होने वाली बल्कि कंसिस्टेंट ना तो बहुत ही बोरिंग चीज है पर आपके लिए बोरिंग काम करना बहुत जरूरी है और आप जब इस कड़वी सच्चाई को अपना लेते हो तब आप उस समय भी कंफ्यूज रहते हो जब आपका बिल्कुल भी मन नहीं होता और ज्यादा करो जब आपका काम करने का बिल्कुल भी मन ना हो क्योंकि तब नहीं होती जब आपका कोई काम करने का मन कर रहा हूं तब ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है जब आप बिल्कुल ना करना चाहते हो आपके अंदर उस काम को करने की मोटिवेशन हो अगर ऐसी सिचुएशन में खुद को हर बार कुछ करके उस काम को करते रहते हो तब जाकर आते हो दोस्तों यह तो बात थी कि हम अपनी बॉडी और माइंड को कैसे कर सकते हैं के लिए आगे आने वाले के लिए management platformऐसा टाइम पीरियड होता था जिसने उनकी परफॉर्मेंस अपनी पिक पर हो दे दे यार देखा गया कि
2 POINT
एक एवरेज पर्सन की एनर्जी और प्रोडक्टिविटी सुबह 5:07 बजे से 11:00 बजे तक बढ़ती जाती है फिर धीरे-धीरे कम होने लगती है और करीब 4:00 बजे के बाद तो बिल को लेकर जाती है जिसका ग्राफ कुछ इस प्रकार दिखता है दोस्तों आप जिस भी काम में कंसिस्टेंट होना चाहते हो आपको सबसे पहले अपने एनर्जी लवर्स को कुछ दिन तक करना चाहिए और देखना चाहिए कि आपका फोकस और प्रोडक्टिविटी उस काम के लिए सबसे ज्यादा हाय कब होते हैं और अपने दिन के टाइम को कुछ इस तरह से आप अपने विकास में सिर्फ उसी काम को करो जो आपके लिए बहुत सारा इंपॉर्टेंट है जिसमें आप कंसिस्टेंट होना चाहते हो या नहीं परफॉर्मेंस के टाइम पास काम आपके कमेंट इंपॉर्टेंट है मैं आपको अपनेसीधा अपने विकास में
3. POINT
सुबह-सुबह कंप्लीट कर लेते हैं जब कोई डिस्टरबेंस नहीं होती और भारती के काम जो हमारे कमेंट या फोकस मांगते हैं ऐसे काम हम दिन में या शाम को करते हैं और प्रैक्टिकल नहीं है जिससे वह काम दिन की शुरुआत में ही कंप्लीट हो जाता है और बाकी के पूरे दिन फिर उसकी टेंशन नहीं रहती लेकिन आपको यह देखना है कि आप कब जरा प्रोडक्ट होते हो और कब आपके एनर्जी लेवल सबसे ज्यादा हाय हेलो रहते हैं हो सकता है कि आप रात में ज्यादा अच्छे से फोकस कर पाते हो तो रात में उस काम को करो जिसमें आप कंसिस्टेंट होना चाहते हो क्योंकि अपने बस में करना आसान होता है और लोग सोचते हैं excitement
4. POINT
और फिर इसी रूप में फंस जाते हैं लेकिन इस प्रॉब्लम को आप बहुत आसानी से ठीक कर सकते हो बस हमारी इस एक बात को फॉलो करके जो कि है फोकस ऑन वन थिंग एनी टाइम एनी एक टाइम पर सिर्फ और सिर्फ एक ही चीज पर फोकस करो क्योंकि दोस्ती आए तो आपको और मोटिवेटेड होकर यह नहीं सोचना है कि आप से तो मेरा कंसिस्टेंटली यह भी करूंगा वह भी करूंगा और वह भी सभी चीजों के लिए एक साथ कंसिस्टेंट रहूंगा आपको एक टाइम पास सिर्फ एक ही चीज पर फोकस करना चाहिए जब तक जिस चीज के लिए आप कहना चाहते हो आप और आपकी आदत बन जाए तब आप को उसके हुए उसके
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