डीमैट अकाउंट (Demat Record) क्या होता है ? Demat Record कैसे खोले ?



हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है, जो बहुत ही कम समय में अधिक से अधिक धन अर्जित करना चाहते है | इसके लिए वह शेयर मार्केट में निवेश करते है, हालाँकि शेयर मार्केट में रिस्क काफी अधिक होता है | इसके बावजूद शेयर मार्किट में निवेश करनें वाले लोगो की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि शेयर मार्केट में निवेश करनें के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट (Demat Record) होना आवश्यक है |

डीमैट अकाउंट क्या होता है (Demat Record)

जिस प्रकार हमारा बैंक अकाउंट वर्क करता है ठीक उसी प्रकार डीमैट अकाउंट भी कार्य करता है, जिस प्रकार आपके बैंक अकाउंट में भौतिक रूप से करेंसी नही रही जाती है, बल्कि सिर्फ आपके पैसे की एंट्री लिखी होती है | उसी प्रकार डीमैट खाते में शेयरों का हिसाब-किताब चढ़ा होता है | इस प्रकार डीमैट खाता आपके म्यूच्यूअल फण्ड, बांड और शेयर्स से सम्बंधित लेन-देन का लेखा-जोखा अपने पास रखता है | जब कभी आप इसे विक्रय करते है, तो यह आपके हिसाब से कट जाता है | शेयर की बिक्री के उपरांत जो धनराशि प्राप्त होती है, वह आपके सेविंग अकाउंट में आ जाती है |

एक डीमैट अकाउंट निवेशकों को डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में शेयर और प्रतिभुतियो को रखनें में मदद करता है | डीमैट अकाउंट का फुल फॉर्म "डीमैटरियलाइज्ड एकाउंट" होता है | हमारे देश में डीमैट अकाउंट 2 डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा बनाए जाते हैं।

सबसे खास बात यह है, कि डीमैट खाते को ओपन करवाने में आपको किसी प्रकार का शुल्क का भुगतान नहीं करना होता है | यहाँ तक कि ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस मेंनटेन रखने की जरूरत नहीं होती है | शेयर मार्केट में निवेश करनें के लिए निवेदक के पास अपना एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए |

डीमैट खाते का महत्व (Demat Record Significance)

शेयरों और प्रतिभूतियों को डिजिटल रूप से रखने का सुरक्षित तरीका |
भौतिक प्रमाणपत्रों की चोरी, जालसाजी, हानि और क्षति को समाप्त करता है |
शेयरों का त्वरित हस्तांतरण |

डीमैटरियलाइजेशन- डीमैट क्या है (what is Dematerialization)

डीमटेरियलाइजेशन भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है, जिससे उन्हें कहींसे भी बनाए रखना और एक्सेस करना आसान हो जाता है। पहले शेयरों को भौतिक प्रमाण पत्र के रूप में रखा जाता था, जिन्हें स्टोर और ट्रांसफर करनाबोझिल होता था।

डीमैट खाते के आगमन ने शेयरों को संभालना बहुत आसान बना दिया। एक निवेशक जो अपने भौतिक शेयरों कोडिजिटल रूप में बदलना चाहता है, उसे एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के साथ एक डीमैट खाता खोलना होगा |

डीमैट खाते के लाभ (Demat Record Advantages)

कागज आधारित शेयर प्रमाणपत्रों के जोखिम को समाप्त करता है | डीमैट की शुरुआत से पहले शेयर भौतिक कागजों या प्रमाणपत्रों के रूप में मौजूद थे। यदि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं, तो आपको एक दर्जन कागजी प्रमाणपत्र सुरक्षित रखने पड़ते थे | यहाँ कि इन दस्तावेजों में छेड़छाड़, चोरी, हानि और जालसाजी की सम्भावनाएं बनी रहती थी । इसके अलावा, शेयरो के हस्तांतरण में लंबी कागजी कार्रवाई शामिल थी | डीमैट खाते के साथ आप इन सभी शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर कर सकते हैं |

सुविधाजनक शेयर भंडारण और हस्तांतरण:- 

यह आपको किसी भी संख्या में शेयरों को स्टोर करने की अनुमनुति देता है, ताकि आप वॉल्यूम में व्यापार कर सकें और डीमैट खाते में आपके द्वारा रखे गए सभी शेयरों के विवरण की निगरानी कर सकें। यह ऑनलाइन ट्रेडिंग करते समय शेयरों के तेजी से हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है |
बोनस स्टॉक -स्प्लिट स्वचालित रूप से अपडेट हो जाते हैं | यदि कंपनी की कोई पहल, जिसके शेयर आपके पास हैं, उसके शेयरों में बदलाव लाता है जैसे कि बोनस इश्यू,यूस्टॉक स्प्लिट, आदि तो यह आपके डीमैट खाते में स्वचालित रूप से अपडेट हो जाएगा।

विभिन्न निवेशों को संग्रहीत करता है:- 

शेयरों के अलावा, डीमैट खाते में कई संपत्तियां भी हो सकती हैं, जैसे बांड, म्यूचुयूअल फंड,एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, सरकारी प्रतिभूतियां, आदि।

ऑनलाइन माध्यम आसान पहुंच: 

आप अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप या कंप्यूटर के माध्यम से कभी भी, कहीं भी अपने डीमैट खाते तक पहुंच सकते हैं |
एक डीमैटमै खाता डिपॉजिटरी द्वारा वर्णित प्रक्रिया के अनुसार नामांकन की सुविधा भी प्रदान करता है। निवेशक की मृत्यु के मामले में, नियुक्त नामित व्यक्ति को डीमैट खाते में शेयर धारिता प्राप्त होगा |

डीमैट खाते हेतु आवश्यक दस्तावेज (Demat Record Required Reports)

1. आय का प्रमाण-इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा पर्ची की प्रति या सैलरी स्लिप या पिछले 6 महीने का बैंक विवरण ।

2. पहचान का प्रमाण-पैन या आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट।

3. पते का प्रमाण-पासपोर्ट या आधार कार्ड या राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस या फ्लैट रखरखाव बिल या बीमा प्रति।

डीमैट खाता कैसे खोलें (Demat Record Opening Interaction)

हमारे देश में डीमैट अकाउंट दो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा ओपन किये जाते है। जिसमें 500 से अधिक डिपॉजिटरीज एजेंट के रूप में कार्य करते है | सामान्य भाषा में आप इन्हें डीपी भी कहा जाता है और इन सभी का मुख्य कार्य निवेशकों के डीमैट अकाउंट ओपन करवाना होता है | आप इन आसान स्टेप्स को फॉलो कर अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं, जो इस प्रकार है -

  • सबसे पहले एक डीपी का चयन करे, जिसके साथ आप डीमैट खाता खोलना चाहते हैं।
  • ब्रोकरेज फर्म का सिलेक्शन करनें के पश्चात आपको उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करना होगा |
  • केवाईसी हेतु आपको कुछ डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होगी, यह प्रोसेस पूरा होनें के बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा | इसके लिए आपको सर्विस प्रोवाइडर के ऑफिस भी जाना पद सकता है |
  • इस प्रक्रिया को पूरी होनें के पश्चात आपको ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन |
  • इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के उपरांत आपका डीमैट अकाउंट ओपन हो जाता है और आपको डीमैट नंबर (Demat Number) और एक क्लाइंट आईडी (Clint ID) मिल जाती है |

डीमैट खाता कैसे काम करता है (How Demat Record Functions)

डीमैट खाते के माध्यम से व्यापार भौतिक व्यापार की प्रक्रिया के समान है, सिवाय इसके कि डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक है। आप अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग खाते के माध्यम से ऑर्डर देकर ट्रेडिंग शुरू करते हैं। इसके लिए ट्रेडिंग और डीमैट दोनों खातों को लिंक करना जरूरी है। एक बार ऑर्डर देने के बाद, एक्सचेंज ऑर्डर को प्रोसेस करेगा। डीमैट खाता शेयरों के बाजार मूल्य का विवरण देता है और ऑर्डर की अंतिम प्रक्रिया से पहले शेयरों की उपलब्धता को सत्यापित किया जाता है। प्रोसेसिंग पूरा होने पर शेयर आपके होल्डिंग्स के विवरण में दिखाई देते हैं। जब कोई शेयरधारक शेयर बेचना चाहता है, तो स्टॉक के विवरण के साथ एक डिलीवरी निर्देश नोट प्रदान करना होगा। शेयरों को फिर खाते से डेबिट (Charge) किया जाता है और बराबर कैश वैल्यू ट्रेडिंग अकाउंट में जमा किया जाता है।

1996 में पारित डिपॉजिटरी एक्ट (Vault Act) के अनुसार डीमैट खाता होना अनिवार्य है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए 1996 में नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (Public Protections Storehouse Restricted NSDL) का गठन किया गया था और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (Focal Safe Administrations Restricted - CDSL) 3 वर्ष बाद ऐसी दूसरी संस्था बन गई। दोनों एजेंसियां एक साथ निवेशकों द्वारा धारित सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रतिभूतियों की संरक्षक हैं। वह एंजेल वन जैसे विभिन्न डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के माध्यम से डीमैट खाता खोलने की सेवा प्रदान करते हैं। दोनों एजेंसियां और उनके सहयोगी दलाल सेबी (SEBI) के साथ पंजीकृत हैं।

डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया में तीन पक्ष आपका बैंक, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (Vault Member) और डिपॉजिटरी शामिल होते हैं। अपने डीमैट खाते के साथ अपने बैंक खाते को टैग करना निर्बाध रूप से व्यापार करने के लिए महत्वपूर्ण है। अपने खाते के विवरण को जोड़ने से यह सुनिश्चित होता है कि जब आप शेयर खरीदते हैं, तो पैसा सीधे आपके बैंक खाते से डेबिट हो जाता है, और जब आप बेचते हैं, तो आय स्वचालित रूप से जमा हो जाती है। एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (Non-banking Monetary Foundation), एक बैंक या एक स्टॉक ब्रोकर हो सकता है। डीमैट खाता खोलने के लिए आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स अर्थात डीपी से संपर्क करना होगा जबकि तीसरा पक्ष स्पष्ट रूप से डिपॉजिटरी है। वह आपकी ओर से डीमैट खाता रखते हैं।


डीमैट खाते के प्रकार (Kinds Of Demat Record)

डीमैट अकाउंट ओपन करते समय, निवेशक को एक ऐसे Demat Record का चुनाव करना होता है जो उनकी प्रोफ़ाइल के सम्बंधित हो। सबसे आम प्रकार एक नियमित डीमैट खाता है। कोई भी भारतीय निवेशक या फिर भारतीय एक ऑनलाइन अकाउंट ओपेन की प्रक्रिया से कुछ ही समय में एक मानक (Standard) डीमैट खाता खोल सकता है। मानक डीमैट खाते के अलावा दो अन्य प्रकार प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता और गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता है। प्रत्यावर्तनीय निधियां एक अलग बैंक खाते में जमा की जाती हैं, जिसे अनिवासी बाह्य खाता (Non-occupant Outer Record) के रूप में जाना जाता है। प्रत्यावर्तनीय निधि वे निधियां हैं, जिन्हें विदेश में स्थानांतरित किया जा सकता है।

नियमित डीमैट खाता (Standard Demat Record)

नियमित डीमैट खाता उन निवासी भारतीय निवेशकों के लिए है जो अकेले शेयरों में व्यापार करना चाहते हैं और प्रतिभूतियों के भंडारण की आवश्यकता है। जब आप बेचते हैं तो स्टॉक आपके डीमैट खाते से डेबिट हो जाते हैं और ट्रेडिंग के दौरान खरीदारी करते समय क्रेडिट हो जाते हैं। यदि आप एफ एंड ओ में व्यापार कर रहे हैं, तो आपको डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इन अनुबंधों को भंडारण की आवश्यकता नहीं है।

बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (Fundamental Administrations Demat Record)

यह सेबी द्वारा शुरू किया गया एक नया प्रकार का डीमैट अकाउंट है। अगर होल्डिंग वैल्यू 50,000 रुपये से कम है तो इन अकाउंट्स में मेंटेनेंस में कोई बदलाव नहीं होता है। 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच, परिवर्तन 100 रुपये हैं। नए प्रकार का खाता नए निवेशकों को लक्षित करता है, जिन्होंने अभी तक डीमैट खाता नहीं खोला है।

प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Record)

अनिवासी भारतीय निवेशक विदेशों में भारतीय बाजार से अपनी कमाई को स्थानांतरित करने के लिए एक प्रत्यावर्तनीय खाता खोलते हैं। यदि आप एक प्रत्यावर्तनीय खाता खोलना चाहते हैं, तो आपको भारत में अपना नियमित डीमैट खाता बंद करना होगा और भुगतान प्राप्त करने के लिए एक अनिवासी बाहरी खाता खोलना होगा।

गैर-प्रत्यावर्तनीय खाता (Non-Repatriable Record)

यह खाता अनिवासी भारतीयों के लिए भी है, लेकिन यह विदेशी स्थानों पर धन हस्तांतरण की अनुमति नहीं देता है। सेबी ने निवेशकों के लिए डीमैट खाता होना अनिवार्य कर दिया है। यदि आपके पास डीमैट नहीं है तो आप भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार नहीं कर सकते। खाता खोलने की प्रक्रिया, शुल्कों के बारे में स्वयं को अपडेट करें।